Table of Contents

Tuberculosis(क्षय रोग) की संपूर्ण जानकारी।

Tuberculosis(क्षय रोग) जिसे आमतौर पर टीबी  कहा जाता है, एक संक्रामक रोग है, जो मुख्यतः फेफड़ों को प्रभावित करता है, लेकिन यह शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकता है। यह रोग Mycobacterium tuberculosis नामक जीवाणु (बैक्टीरिया) के कारण होता है और हवा के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है।

भारत में यह रोग आज भी एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है। हालांकि यह ईलाज योग्य और नियंत्रित रोग है, फिर भी जागरूकता की कमी, लक्षणों की अनदेखी और उपचार में लापरवाही के कारण यह गंभीर रूप ले सकता है।

Tuberculosis

Tuberculosis/क्षय रोग/टीबी कैसे फैलता है?

Tuberculosis(क्षय रोग) Mycobacterium tuberculosis नामक बैक्टीरिया से होता है, जो एक संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या बात करने के दौरान यह बैक्टीरिया हवा में फैल जाता है। जब कोई स्वस्थ व्यक्ति इस संक्रमित हवा में सांस लेता है, तो वह भी संक्रमित हो सकता है।

ध्यान दें :- 

  • Tuberculosis/टीबी केवल वही व्यक्ति फैला सकता है, जो टीबी संक्रमित हो और जो फेफड़ों या गले की टीबी से पीड़ित हो।
  • त्वचा, हड्डी, मूत्र या रीढ़ की हड्डी की टीबी आमतौर पर संक्रामक नहीं होती।

-: Tuberculosis/क्षय रोग के कारण :-

टीबी के संक्रमण को बढ़ावा देने वाले कुछ प्रमुख कारण निम्न हैं  :-

1. कमजोर इम्यून सिस्टम – एचआईवी, डायबिटीज या
कैंसर जैसी बीमारियों से ग्रसित लोग जल्दी संक्रमित
होते हैं।

2. कुपोषण – पोषक तत्वों की कमी से शरीर की रोग
प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है।

3. भीड़भाड़ वाली जगहों में रहना – झुग्गी-बस्ती, जेल,
अनाथालय आदि में टीबी फैलने का जोखिम अधिक
होता है।

4. धूम्रपान और शराब – ये फेफड़ों को कमजोर करते हैं
और संक्रमण की संभावना बढ़ाते हैं।

5. अस्वच्छ वातावरण – गंदगी और प्रदूषण भी एक बड़ा
कारण है।

6. परिवार में टीबी मरीज होना – संक्रमित
व्यक्ति के संपर्क में रहना जोखिम बढ़ाता है।

 

-: Tuberculosis के सामान्य लक्षण :-

टीबी के लक्षण धीरे-धीरे उभरते हैं और प्रारंभ में सामान्य लग सकते हैं। इसके प्रमुख लक्षण हैं :-

 

फेफड़ों की टीबी के लक्षण :-

  • दो सप्ताह से अधिक समय तक लगातार खांसी
  • खांसी में बलगम के साथ खून आना
  • सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ
  • बुखार, विशेषकर शाम को
  • रात में अत्यधिक पसीना आना
  • थकान और कमजोरी
  • वजन कम होना और भूख न लगना

 

अन्य अंगों में टीबी के लक्षण :-

रीढ़ की टीबी – पीठ दर्द, चलने-फिरने में परेशानी

हड्डी की टीबी – जोड़ों में सूजन और दर्द

मस्तिष्क की टीबी – सिरदर्द, उल्टी, बेहोशी

लिम्फ नोड्स (गांठों) की टीबी – गर्दन में गांठ बनना

 

-: Tuberculosis(क्षय रोग) से बचाव के उपाय :-

टीबी से बचने के लिए सतर्कता और सावधानी बहुत आवश्यक है :-

1. बीसीजी टीका (BCG Vaccine)
जन्म के तुरंत बाद बच्चों को टीबी से बचाने के लिए
BCG का टीका लगाया जाता है। यह रोग की गंभीर
स्थिति से बचाव में कारगर होता है।

2. संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें
यदि परिवार में कोई सदस्य टीबी से पीड़ित है, तो उसे
अलग कमरे में रखें, खांसते या छींकते समय मुंह पर
कपड़ा रखें।

3. स्वच्छता का पालन करें
नियमित हाथ धोना, साफ-सफाई बनाए रखना और
खुली हवा में रहना फायदेमंद है।

4. पोषणयुक्त भोजन
शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए
संतुलित आहार लें।

5. धूम्रपान और शराब से दूरी
ये दोनों फेफड़ों को कमजोर करते हैं और संक्रमण की
संभावना बढ़ाते हैं।

6. नियमित जांच
किसी को लंबे समय तक खांसी या बुखार हो तो तुरंत
जांच करानी चाहिए।

 

Tuberculosis/क्षय रोग की जांच कैसे होती है?

सरकार की ओर से मुफ्त जांच और इलाज की सुविधा उपलब्ध है। टीबी की पुष्टि के लिए निम्न जांचें की जाती हैं

1. बलगम की जांच (Sputum Test)
मरीज के बलगम का नमूना लेकर माइक्रोस्कोप के
माध्यम से टीबी बैक्टीरिया की उपस्थिति देखी जाती है।

2. एक्स-रे (Chest X-ray)
फेफड़ों की स्थिति देखने के लिए सीने का एक्स-रे
किया जाता है।

3. CBNAAT (Cartridge-Based Nucleic Acid
Amplification Test)
यह जांच टीबी बैक्टीरिया की पहचान करती है और यह
भी बताती है कि बैक्टीरिया दवाओं के प्रतिरोधी हैं या
नहीं।

4. ट्यूबरक्युलिन टेस्ट (Mantoux Test)
त्वचा के नीचे दवा का इंजेक्शन देकर देखा जाता है कि
व्यक्ति पहले से संक्रमित है या नहीं।

5. ब्लड टेस्ट और बायोप्सी
अन्य अंगों की टीबी के लिए इन जांचों की जरूरत
होती है।

 

-: Tuberculosis के उपचार :-

टीबी पूरी तरह से इलाज योग्य बीमारी है। भारत सरकार की “राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (NTEP)” के तहत मरीजों को मुफ्त इलाज और दवाएं दी जाती हैं।

उपचार की प्रमुख बातें :-

1. DOTS थेरेपी (Directly Observed Treatment  Short-Course)
इसमें मरीज को 6 से 9 महीने तक दवाएं दी जाती हैं
और स्वास्थ्य कार्यकर्ता निगरानी करता है कि मरीज
दवा नियमित रूप से ले रहा है या नहीं।

2. दवाओं का नियमित सेवन जरूरी
बीच में दवा छोड़ने से बैक्टीरिया दवा के प्रति
प्रतिरोधक बन जाते हैं, जिससे MDR-TB (Multi
Drug Resistant TB) का खतरा बढ़ जाता है।

3. मुफ्त पोषण सहायता योजना
सरकार “निक्षय पोषण योजना” के तहत टीबी मरीजों
को ₹500 प्रतिमाह पोषण सहायता के रूप में देती है।

4. मानसिक सहयोग भी आवश्यक
टीबी मरीजों को भावनात्मक सहयोग देना जरूरी है
ताकि वे पूरा इलाज समय पर कर सकें।

 

-:क्षय रोग में जीवनशैली और खानपान :-

टीबी से उबरने के लिए केवल दवा नहीं, बल्कि अच्छी जीवनशैली भी जरूरी है :-

क्या करें :-

  • भरपूर नींद लें
  • ताजा फल, सब्जियां, दूध, अंडा, दालें आदि खाएं
  • योग और प्राणायाम करें
  • समय पर दवा लें

क्या न करें :-

  • धूम्रपान और शराब का सेवन न करें
  • दवा बीच में न छोड़ें
  • खुद से दवा न बदलें
  • खांसते-छींकते समय बिना कपड़े के न रहें

-: निष्कर्ष :-

क्षय रोग एक गंभीर लेकिन पूर्णतः इलाज योग्य बीमारी है। समय पर जांच, सही इलाज और दवा का नियमित सेवन टीबी को जड़ से खत्म कर सकता है। समाज में इसके प्रति फैली भ्रांतियों को दूर करना और रोगियों को मानसिक सपोर्ट देना हमारी जिम्मेदारी है।
अगर आप या आपके आसपास कोई व्यक्ति टीबी के लक्षणों से ग्रसित हो तो तुरंत पास के सरकारी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें। इलाज न केवल आपके लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए जरूरी है।

 

उपयोगी सरकारी लिंक :-

https://www.nikshay.in– क्षय रोग पंजीकरण और सरकारी सहायता योजना पोर्टल

https://www.tbcindia.gov.in-भारत सरकार का आधिकारिक टीबी नियंत्रण पोर्टल

 

इसे भी पढ़ें :-

 मूत्र मार्ग में दर्द(Pain in urinary tract) : कारण, लक्षण, घरेलू और आयुर्वेदिक उपचार

 Malnutrition/कुपोषण :- कारण, लक्षण, प्रभाव,आहार और निवारण।

अगर जानकारी अच्छी और उपयोगी लगा हो तो दूसरो से शेयर जरुर करे।