Ear Discharge कान बहने की समस्या :- कारण और आयुर्वेदिक समाधान
Ear discharge यानी कान बहना एक आम लेकिन नजरअंदाज ना की जाने वाली स्वास्थ्य समस्या है, जो बच्चों से लेकर बड़ों तक किसी को भी हो सकती है। आयुर्वेद में इसे “कर्णस्राव” कहा गया है। अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए, तो यह सुनने की क्षमता पर बुरा असर डाल सकता है। इस ब्लॉग में हम जानेंगे – कान बहने के मुख्य कारण, लक्षण, आयुर्वेदिक उपचार, घरेलू नुस्खे, और कब डॉक्टर से मिलना चाहिए।

-: What is Ear Discharge :-
– कान बहना क्या हैं? –
Ear discharge/कान बहना यानी कान से liquid, pus, या पानी जैसा तरल पदार्थ निकलना। यह कभी-कभी सामान्य हो सकता है जैसे कि वैक्स (ear wax), लेकिन जब यह पीला, सफेद या बदबूदार मवाद बन जाए तो यह संक्रमण का संकेत हो सकता है।
Ear Discharge in Children
-: बच्चों के कान बहने का कारण :-
- सर्दी-खांसी या जुकाम के बाद कान में संक्रमण (Otitis Media)
- नहाने या तैरने से पानी का कान में जाना
- कान में वस्तु डालना (जैसे पेन, पेंसिल, बीज आदि)
- तेज आवाज या चोट लगना
- मध्यकर्ण (Middle Ear) में पस जम जाना
- बचपन से बार-बार कान बहना (CSOM)
-: Ear Discharge in Adults :-
– व्यस्कों में कान बहने के कारण –
- बैक्टीरियल या फंगल इंफेक्शन
- कान की सफाई में रूई या माचिस की तीली का प्रयोग
- टायफाइड, मलेरिया या डेंगू के बाद कमजोरी
- कान की झिल्ली (Ear Drum) फटना
- बार-बार हेडफोन या इयरफोन का प्रयोग
- धूल-धुएं और प्रदूषण के संपर्क में रहना
-: Ear Discharge Symptoms/सामान्य लक्षण :-
- कान से पीला, सफेद या बदबूदार मवाद निकलना
- कान में खुजली, जलन या दर्द
- कम सुनाई देना
- सिर दर्द या बुखार
- बच्चा बार-बार कान खुजलाए या रोए
- रात में नींद न आना
-: कब डॉक्टर से संपर्क करें? :-
- अगर 3 दिन से ज्यादा मवाद निकल रहा हो
- तेज दर्द और सुनने में परेशानी हो
- बच्चे को कान दर्द से बुखार आ रहा हो
- मवाद में खून आ रहा हो
- मवाद के साथ सिर चकराना या उल्टी
-: कान बहने की जांच (Diagnosis) :-
- Otoscope द्वारा कान की जांच
- C&S Test – मवाद की जांच
- Audiometry – सुनने की क्षमता की जांच
- X-ray या CT Scan – यदि जरूरत हो
-: आयुर्वेद में कान बहने का समाधान (Ayurvedic Remedies) :-
आयुर्वेद में “कर्णस्राव” का उल्लेख है और इसके पीछे वात-पित्त दोष का असंतुलन माना गया है। आयुर्वेद में कान बहने का उपचार निम्न हैं –
1. नागरमोथा तेल
- कान में 2-2 बूंद डालें, दिन में 2 बार।
- जलन और इन्फेक्शन में राहत देता है।
2. बिल्व तेल
- बेल वृक्ष (Bilva tree)के पत्तों ,छाल या फल से तैयार औषधीय तेल :-पुराने कान बहाव में उपयोगी
- कान की सूजन और मवाद को सूखाता है।
3. नीम का रस
- नीम की पत्तियों का रस निकालकर 1-2 बूंद साफ रस कान में डालें।
4. लहसुन का तेल
- लहसुन की कलियों को सरसों तेल में गर्म कर ठंडा करें और तेल को अच्छे से छानने के बाद 1-2 बूंद तेल कान में डालें।यह बैक्टीरिया को नष्ट करता हैं।
5. गौ मूत्र और त्रिफला
त्रिफला + गौ मूत्र से कान की सफाई” आयुर्वेदिक ग्रंथों में वर्णित एक पारंपरिक उपाय है, लेकिन इसे बिना आयुर्वेदिक चिकित्सक या ईएनटी डॉक्टर की सलाह के बिल्कुल भी स्वयं न करें, क्योंकि कान का पर्दा (eardrum) बहुत नाजुक होता है।
प्रक्रिया (डॉक्टर की देखरेख में ही)
✳️त्रिफला काढ़ा बनाना –
- 1 चम्मच त्रिफला चूर्ण को 1 गिलास पानी में उबालें।
- जब पानी 1/4 रह जाए तो छान लें।
- यह “त्रिफला काढ़ा” कहलाएगा।
✳️गौ मूत्र मिलाना –
- इस काढ़े में थोड़ी मात्रा (कुछ बूँदें, डॉक्टर द्वारा निर्धारित) शुद्ध गौ मूत्र मिलाया जाता है।
- इसे छानकर ही प्रयोग किया जाता है, ताकि कोई कण कान में न जाए।
✳️कान की सफाई / प्रयोग विधि –
- रोगी को सिर को एक ओर झुकाकर बैठाया जाता है।
- तैयार द्रव्य को हल्का गुनगुना किया जाता है।
- 2–3 बूँदें कान में डाली जाती हैं।
- 5–10 मिनट बाद कान से गंदगी बाहर आ सकती है।
- डॉक्टर जरूरत अनुसार कान को साफ करते हैं।
सावधानियां :-
अगर कान में छेद (perforation), दर्द, मवाद या कान का ऑपरेशन हुआ है, तो यह प्रयोग नहीं करना चाहिए।
-: घरेलू नुस्खे (Home Remedies) :-
- गर्म सेंक : कपड़े को गर्म पानी से गीला करके निचोड़ लें फिर इस गर्म कपड़े से कान के आस-पास सेंक करें। ध्यान रहे पानी कान के अंदर ना जाये।
- तुलसी का रस : 2 बूंद तुलसी रस कान में डालें
- हल्दी दूध : रोज रात में हल्दी वाला दूध पिएं
- भाप लें : नाक-कान-गला की सफाई में मदद करता है
- न डालें : कोई तीली या ऑब्जेक्ट कान में न डालें
-: खानपान और परहेज (Diet and Precautions) :-
- विटामिन C युक्त फल – आंवला, संतरा
- हल्दी, तुलसी, अदरक का सेवन बढ़ाएं
- मिर्च-मसाले और ठंडी चीजों से परहेज
- कान में पानी न जाने दें (नहाते समय कॉटन लगाएं)
- तेज आवाज, धूल, प्रदूषण से बचाव
-: निष्कर्ष (Conclusion) :-
कान बहना एक गंभीर संकेत हो सकता है जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, खासकर बच्चों में। समय पर पहचान, सही उपचार, आयुर्वेद और घरेलू उपायों से इसे जड़ से ठीक किया जा सकता है। यदि समस्या पुरानी हो रही है या दर्द बढ़ रहा है, तो ENT विशेषज्ञ से तुरंत संपर्क करें।
Disclaimer :-
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है। किसी भी घरेलू नुस्खे या उपाय को अपनाने से पहले चिकित्सक की सलाह जरूर लें।
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