Stomach Pain/पेट दर्द और गैस की समस्या(Gas Problem) : डाइट चार्ट(healthy Diet Chart) और एक्सरसाइज गाइड

Stomach Pain/पेट दर्द और गैस की समस्या -आजकल की अनियमित जीवनशैली(Irregular and Unhealthy Lifestyle), गलत खान-पान और तनाव के कारण यह समस्या बहुत आम हो गई है। यह समस्या केवल पाचन तंत्र को प्रभावित नहीं करती बल्कि पूरे शरीर की ऊर्जा, नींद और मानसिक स्वास्थ्य(Mental health)को भी प्रभावित कर सकती है। सही डाइट और एक्सरसाइज अपनाकर इसे काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।

Stomach pain and gas problem : Exercise and ayurvedic treatment.

Stomach Pain/पेट दर्द और गैस की समस्या के कारण

  • गलत खान-पान (ज्यादा तैलीय, मसालेदार या प्रोसेस्ड फूड)
  • अनियमित समय पर भोजन करना
  • अत्यधिक चाय, कॉफी और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स का सेवन
  • कम पानी पीना
  • ज्यादा देर तक बैठे रहना या शारीरिक गतिविधि की कमी
  • तनाव और मानसिक दबाव
  • कब्ज की समस्या

Stomach Pain/पेट दर्द और गैस के लक्षण

  • पेट में ऐंठन(Abdominal cramps ) या भारीपन
  • डकार या गैस निकलना
  • भूख कम लगना
  • एसिडिटी और जलन
  • पेट में सूजन या फूलना
  • कभी-कभी सिरदर्द और चिड़चिड़ापन

गैस और पेट दर्द के लिए आयुर्वेदिक डाइट चार्ट(Ayurvedic Diet Chart for Gas and Stomach Pain)

सुबह उठने पर :-

  • गुनगुना पानी या हल्का नींबू पानी
  • 1-2 भीगे हुए बादाम या अखरोट

नाश्ता (7-9 बजे)

  • दलिया, ओट्स या मूंग दाल चीला
  • पपीता, केला या सेब जैसे हल्के फल
  • ग्रीन टी या अजवाइन पानी

दोपहर का भोजन (12-2 बजे)

  • 1 कटोरी दाल (मूंग/मसूर)
  • 2-3 रोटियां (गेंहू या ज्वार-बाजरा की)
  • मौसमी सब्जियां (कम तेल में पकी)
  • सलाद (खीरा, गाजर, टमाटर)
  • 1 गिलास छाछ (हींग और काला नमक के साथ)

शाम का नाश्ता (4-5 बजे)

  • ग्रीन टी या जीरा पानी
  • भुने हुए चने या मखाने

रात का भोजन (7-8 बजे)

  • 1-2 रोटियां + हल्की दाल या खिचड़ी
  • सूप (लौकी, गाजर, पालक)
  • रात में दूध से बचें, चाहें तो हल्दी वाला गुनगुना दूध लें

सोने से पहले

  • 1 गिलास गुनगुना पानी

खाने में परहेज करें

  • अत्यधिक मसालेदार और तैलीय भोजन
  • फास्ट फूड और प्रोसेस्ड फूड
  • कार्बोनेटेड ड्रिंक्स और शराब
  • अधिक चाय और कॉफी
  • ज्यादा देर तक खाली पेट रहना

Stomach Pain और गैस के लिए एक्सरसाइज

✳️पवनमुक्तासन (Wind Relieving Pose)
यह आसन गैस और पेट फूलने की समस्या में तुरंत राहत देता है।

पवनमुक्तासन करने की विधि (Step by Step)

1. शुरुआत की स्थिति

  • सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल सीधे लेट जाएं।
  • दोनों हाथ शरीर के बगल में रखें और पैरों को सीधा रखें।

2. घुटनों को मोड़ना

अब धीरे-धीरे दोनों पैरों को मोड़ें और घुटनों को छाती की ओर ले आएं।

3. हाथों से पकड़ना

दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में जोड़कर घुटनों को पकड़ लें।

4. सिर उठाना

अब सांस छोड़ते हुए सिर को ऊपर उठाएं और ठोड़ी (chin) को घुटनों से लगाने की कोशिश करें।

5. स्थिति बनाए रखें

  • इस अवस्था में सामान्य रूप से 20–30 सेकंड तक रुकें।
  • धीरे-धीरे सांस लेते हुए सिर को वापस नीचे लाएं और पैरों को सीधा कर दें।

6. दोहराएं

इस आसन को 2–3 बार करें।

पवनमुक्तासन करते समय सावधानियां

  • जिनको स्लिप डिस्क, हर्निया, हृदय रोग या पेट में ऑपरेशन हुआ है, उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए।
  • गर्भवती महिलाओं को यह आसन नहीं करना चाहिए।
  • आसन करते समय झटके न लगाएँ, धीरे-धीरे करें।

 

✳️ वज्रासन (Thunderbolt Pose)

भोजन के बाद 5-10 मिनट वज्रासन में बैठने से भोजन पचता है और गैस नहीं बनती।

वज्रासन करने की विधि (Step by Step)

1. शुरुआती स्थिति

  • योगा मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं।
  • पैर की एड़ियां बाहर और अंगूठे आपस में मिलाएं।

2. बैठना

  • धीरे-धीरे नितंब (hips) को पीछे ले जाकर एड़ियों पर टिकाएं।
  • दोनों हाथ घुटनों पर रखें।

3. रीढ़ सीधी रखें

  • पीठ, गर्दन और सिर को सीधा रखें।
  • आंखें बंद कर सामान्य रूप से सांस लें।

4. अवधि

  • शुरुआत में 3–5 मिनट तक बैठें।
  • धीरे-धीरे अभ्यास बढ़ाकर 15–20 मिनट तक किया जा सकता है।

वज्रासन करते समय सावधानियां

  • घुटनों या टखनों में चोट/दर्द हो तो यह आसन न करें।
  • बहुत ज्यादा मोटापे या पैरों में सूजन की समस्या वाले लोग इसे लंबे समय तक न करें।
  • अगर सर्जरी (विशेषकर घुटनों की) हुई है, तो डॉक्टर से सलाह लेकर ही करें।
  • आसन करते समय झटके न लगाएं और रीढ़ को झुका कर न बैठें।

 

✳️ मर्जरी आसन (Cat-Cow Pose)

पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है और पाचन में सुधार लाता है।

मर्जरीआसन करने की विधि (Step by Step)

1. शुरुआत की स्थिति

  • योगा मैट पर चौपाय (table position) की तरह आ जाएं।
  • हथेलियां सीधे कंधों के नीचे और घुटने कूल्हों के नीचे रखें।
  • रीढ़ सीधी और नजर सामने हो।

2. सांस भरते हुए (Cow Pose)

  • धीरे-धीरे सांस अंदर लें।
  • कमर को नीचे झुकाएं, छाती और पेट को नीचे लाएं।
  • सिर को ऊपर उठाएं और हल्की मुस्कान के साथ ऊपर देखें।

3. सांस छोड़ते हुए (Cat Pose)

  • अब धीरे-धीरे सांस बाहर छोड़ें।
  • कमर को ऊपर उठाएं और रीढ़ को गोल करें।
  • ठोड़ी (chin) को छाती से लगाएं और गर्दन को ढीला छोड़ दें।

4. दोहराव

  • इस प्रक्रिया को 5–10 बार करें।
  • गति धीमी और नियंत्रित रखें।

मर्जरीआसन करते समय सावधानियां

  • जिनको स्लिप डिस्क या गंभीर रीढ़ की चोट है, वे डॉक्टर की सलाह के बिना न करें।
  • गर्भवती महिलाएं इसे सावधानी से करें या छोड़ दें।
  • आसन करते समय झटके न लगाएं, धीरे-धीरे और आराम से करें।
  • उच्च रक्तचाप और सिर चकराने की समस्या हो तो लंबे समय तक इस आसन में न रहें।

 

✳️ कपालभाति प्राणायाम
पेट की गैस, कब्ज और एसिडिटी में बहुत फायदेमंद है।

कपालभाती करने की विधि (Step by Step)

1. बैठने की स्थिति

  • पद्मासन, सुखासन या वज्रासन में सीधी रीढ़ के साथ बैठें।
  • हाथों को घुटनों पर रखें, आंखें बंद करें और शरीर को ढीला छोड़ें।

2. सांस छोड़ना (Main Process)

  • नाक से जोरदार और तेज सांस बाहर छोड़ें।
  • सांस छोड़ते समय पेट को अंदर की ओर खींचें।

3. सांस लेना

सांस बाहर छोड़ने के तुरंत बाद सांस अपने-आप स्वाभाविक रूप से अंदर जाएगी, उसे जबरदस्ती न लें।

4. गति और समय

  • शुरुआत में 20 बार करें (1 राउंड)।
  • धीरे-धीरे अभ्यास बढ़ाकर 60–80 बार (3–5 राउंड) तक कर सकते हैं।

कपालभाती करते समय सावधानियां

  • जिनको उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, स्ट्रोक या मिर्गी की समस्या है, वो न करें।
  • गर्भवती महिलाएं और हाल ही में ऑपरेशन वाले मरीज इसे न करें।
  • सांस लेने-छोड़ने की गति धीरे-धीरे बढ़ाएं, एकदम तेज न करें।
  • इसे खाली पेट या भोजन के 3–4 घंटे बाद करें।

 

✳️पैदल चलना
खाना खाने के बाद 15-20 मिनट टहलने से गैस और पेट दर्द की समस्या कम होती है।

घरेलू नुस्खे

  • अजवाइन और काला नमक मिलाकर खाना
  • सौंफ चबाना या सौंफ का पानी पीना
  • हींग का पानी या हींग को गुनगुने पानी में घोलकर पीना
  • अदरक की चाय

लाइफस्टाइल टिप्स

  • समय पर भोजन करें और खाना अच्छी तरह चबाएं
  • पानी पर्याप्त मात्रा में पिएं
  • तनाव से बचें और पर्याप्त नींद लें
  • नियमित योग और व्यायाम करें
  • भोजन के तुरंत बाद लेटने से बचें

निष्कर्ष

पेट दर्द और गैस की समस्या गंभीर होने पर डॉक्टर की सलाह जरूरी है, लेकिन सामान्य स्थिति में सही डाइट, नियमित एक्सरसाइज और आयुर्वेदिक नुस्खे अपनाकर इसे आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। संतुलित जीवनशैली ही स्वस्थ पाचन का सबसे बड़ा रहस्य है।

अगर यह जानकारी अच्छी लगी हो तो दूसरे के साथ शेयर करें। किसी भी प्रकार के सुझाव के लिए कमेंट जरुर करे।अगर किसी विषय पर जानकारी चाहिए तो बताये, मैं हमेशा आपके स्वास्थ्य समस्या के सामाधान के लिए तत्पर हूं।

-:इसे भी पढ़ें:-

 Obesity(मोटापा) के कारण और इससे होने वाली समस्याएं ।

 मूत्र मार्ग में दर्द(Pain in urinary tract) : कारण, लक्षण, घरेलू और आयुर्वेदिक उपचार