पुरुषों में सेक्स समस्या:- कारण, लक्षण, आयुर्वेदिक और आधुनिक उपचार।

1. कारण (Causes)
- तनाव, अवसाद या मानसिक चिंता
- धूम्रपान, शराब और नशीली दवाइयां
- हार्मोनल असंतुलन (टेस्टोस्टेरोन कम होना)
- मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग
- अनियमित नींद, थकान और कमजोर पाचन
- अनुचित आहार व पोषण की कमी
2. लक्षण (Symptoms)
- यौन इच्छा (libido) में कमी
- स्तंभन न बनना या लंबे समय तक टिक न पाना
- शीघ्र वीर्य स्खलन
- थकान, आत्मविश्वास घटना
- संबंध बनाने में असमर्थता
3. आयुर्वेद के अनुसार (Ayurveda)
आयुर्वेद में ये समस्याएँ मुख्यतः शुक्र धातु की कमी, और त्रिदोष असंतुलन (वात-पित्त-कफ) से जुड़ी मानी जाती हैं।
प्रमुख आयुर्वेदिक औषधियाँ और सेवन विधि (Dose & How to take)
| औषधि | प्रयुक्त भाग | सामान्य मात्रा (वयस्क) | सेवन का तरीका |
|---|---|---|---|
| अश्वगंधा (Ashwagandha) | मूल (root) | टेबलेट/कैप्सूल 300-600 mg/दिन; चूर्ण: 3-6 g/दिन | रात या सुबह दूध के साथ (शरीर गर्म रखने के लिए), 4-8 सप्ताह के लिए लगातार लें। |
| शिलाजीत (Shilajit) | रेसिन/रसायन | 250-500 mg/दिन | खाली पेट एक बार, पानी या दूध के साथ; निर्देशानुसार शुद्ध उत्पाद लें। |
| सफेद मुस्ली (Safed Musli) | राइजोम/मूल | 3-6 g चूर्ण/दिन | दूध के साथ सुबह या रात लें, 6-8 सप्ताह। |
| कौंंच बीज (Mucuna pruriens / Kaunch) | बीज | बीज चूर्ण 3-5 g/दिन | दूध या शहद के साथ; Parkinson (तंत्रिका संबंधि समस्या) में डॉक्टर के परामर्श से ही लें। |
| गोक्षुर (Gokshura) | फली/बीज | 3-6 g/दिन (चूर्ण) अथवा टैबलेट | दूध के साथ सुबह-शाम लें; मूत्र-वीर्य सम्बंधी सुधार में सहायक। |
नोट:- उपर्युक्त मात्राएँ सामान्य सिफारिशें हैं। किसी भी आयुर्वेदिक दवा की शुरुआत से पहले प्रमाणिक उत्पाद चुनें और विशेषकर दूसरी दवाइयाँ ले रहे हों तो आयुर्वेद चिकित्सक या डॉक्टर से सलाह लें।
4. आधुनिक चिकित्सा (Modern Treatment Options)
यदि घरेलू और आयुर्वेदिक उपायों से पर्याप्त सुधार न हो तो आधुनिक चिकित्सीय विकल्प प्रभावी होते हैं।
प्रमुख आधुनिक विकल्प
- PDE5 इनहिबिटर (जैसे sildenafil (Viagra), tadalafil): सामान्य रूप से sildenafil की शुरूआती मात्रा 25–50 mg ली जाती है; अधिकांश पुरुषों में 50 mg एक सामान्य प्रारम्भिक डोज है, और आवश्यकता अनुसार 100 mg तक बढ़ाई जा सकती है। इन्हें संभोग से लगभग 30–60 मिनट पहले लें; अधिकतम एक बार/दिन। (नोट:-nitrates वाली दवाएँ ले रहे व्यक्तियों के लिए निषेध)
- टेस्टोस्टेरोन थेरेपी – यदि रक्त जांच में टेस्टोस्टेरोन कम पाया जाए; एन्डोक्रिनोलॉजिस्ट की निगरानी में।
- इंट्राकावर्नोस इंजेक्शन – सीधे लिंग में दिए जाने वाले मेडिकेशन (केवल विशेषज्ञ निर्देश पर)।
- वेक्यूम इंजेक्शन डिवाइस – गैर-इनवेसिव उपकरण जो इरेक्शन बनाते हैं।
- साइकोथेरेपी/सेक्स थेरपी/काउंसलिंग – मानसिक कारणों (तनाव, परफॉर्मेंस एंग्जायटी) के लिए बेहद उपयोगी।
- हॉर्मोन परीक्षण, शुगर और कार्डियो-रिस्क जांच – किसी भी आधुनिक उपचार के पहले इन सामान्य जाँचों का होना जरूरी है।
चेतावनी:- PDE5 inhibitors (जैसे sildenafil) को नाइट्रेट दवाओं के साथ साथ नहीं लेना चाहिए – यह गंभीर रक्तचाप गिरावट कर सकता है। डॉक्टर की सलाह और दवा पर्ची के अनुसार ही लें।
5. घरेलू उपाय (Home Remedies)
- रोजाना 1 चम्मच अश्वगंधा चूर्ण (या 300 mg standardized extract) दूध के साथ।
- शहद + अदरक – 1 चम्मच शहद में ½ चम्मच ताजा अदरक रस मिलाकर सुबह लें।
- रात को दूध में 2–3 खजूर उबालकर पीना।
- भुना हुआ चना और मिश्री का सेवन (स्नैक के रूप में) शक्ति बढ़ाने हेतु।
- लहसुन 1-2 कली रोज कच्चा या भोजन के साथ लें (यदि पेट सह सके)।
6. आहार चार्ट (Diet Chart)
| समय | सुझावित आहार |
|---|---|
| सुबह | भिगोए हुए बादाम (6–8), 1 कप दूध, 1–2 खजूर |
| नाश्ता | ओट्स/दaliya + फल (केला/सेब) |
| दोपहर | सब्जी, दाल, चपाती/ब्राउन राइस, सलाद |
| शाम | फल या मखाने, नारियल पानी |
| रात | हल्का भोजन + सोने से पहले दूध में अश्वगंधा |
| परहेज | अत्यधिक तला-भुना, फ्राइड फूड, बहुत ज्यादा कैफीन, शराब, स्मोकिंग |
7. योग और व्यायाम (Yoga & Exercise)
रोजाना 20–30 मिनट निम्न करें:-
- कपालभाति और अनुलोम-विलोम (प्राणायाम) – मानसिक तनाव घटता है।
- भुजंगासन, सेतु बंधासन, वज्रासन – पेल्विक ब्लड फ्लो सुधरता है।
- किगल एक्सरसाइज – पेल्विक मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं।
- साप्ताहिक 3–4 बार हल्का कार्डियो (तेज चलना, साइकलिंग) – कार्डियोवस्कुलर स्वास्थ्य के लिए।
8. रोकथाम (Prevention)
- नियमित आवश्यक नींद (7–8 घंटे)
- तनाव प्रबंधन:- ध्यान और योग
- नियमित व्यायाम और संतुलित आहार
- नशे से बचाव:- धूम्रपान और शराब सीमित करें
- मेडिकल चेक‑अप:- शुगर, ब्लड प्रेशर और हार्मोन टेस्ट समय-समय पर कराते रहें
9. अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1: क्या यौन समस्या आयुर्वेद से पूरी तरह ठीक हो सकता है?
यदि कारण जीवनशैली, पोषण और तनाव से जुड़ा है तो हाँ-आयुर्वेद और जीवनशैली बदलाव से सुधार संभव है। लेकिन जैविक/हार्मोनल कारणों में आधुनिक जाँच और चिकित्सकीय उपचार भी जरूरी हो सकता है।
Q2: Sildenafil (Viagra) किस मात्रा में लें?
सामान्य रूप से 25–100 mg के बीच दवा दी जाती है; अधिकांश मामलों में 50 mg एक आम शुरुआती डोज है और आवश्यकतानुसार 100 mg तक बढ़ाया जा सकता है। इसे डॉक्टर की सलाह और कंडीशन के अनुसार ही लें।
Q3: आयुर्वेदिक दवाइयाँ कितने समय में असर दिखाती हैं?
आयुर्वेदिक औषधियाँ और जीवनशैली में बदलाव आमतौर पर 4–12 हफ्ते में असर दिखा सकते हैं। निरंतरता और सही पेय/खुराक का पालन जरूरी है।
Q4: क्या OTC सप्लीमेंट सुरक्षित हैं?
ना तो सभी OTC सप्लीमेंट्स नियंत्रित होते हैं। शुद्धता और भारी धातु परीक्षण का प्रमाण देखें। किसी भी दवा/सप्लीमेंट को नियमित दवाइयों के साथ लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श ज़रूरी है।
10. निष्कर्ष (Conclusion)
पुरुषों की यौन समस्याएँ आम हैं परन्तु समाधान योग्य भी हैं। आयुर्वेदिक दवाइयाँ, घरेलू नुस्खे, पोषण और योग से अधिकांश मामलों में सुधार मिलता है; लेकिन यदि समस्या बनी रहे तो आधुनिक चिकित्सीय विकल्प (PDE5 inhibitors, थेरपी, हार्मोन टेस्ट) उपयोगी और सुरक्षित विकल्प हैं – हमेशा डॉक्टर की निगरानी में लें।