-:Sinusitis क्या है?:-

Sinusitis एक सामान्य लेकिन परेशान करने वाली बीमारी है, जिसमें सिर की हड्डियों के अंदर मौजूद साइनस (Sinus) गुहाओं में सूजन आ जाती है।
यह सूजन आमतौर पर संक्रमण, एलर्जी या बार-बार सर्दी-जुकाम के कारण होती है।
साइनस में बलगम बनता है जो सामान्यतः नाक से बाहर निकलता है, लेकिन सूजन के कारण रास्ता बंद हो जाने से बलगम बाहर नहीं निकल पाता हैं और संक्रमण बढ़ जाता है।

Sinusitis

Sinus/साइनस कहां-कहां होते हैं?

हमारे सिर में चार प्रमुख साइनस गुहाएं होती हैं:-

1. Frontal Sinus – माथे के ऊपर

2. Maxillary Sinus – गाल की हड्डियों में

3. Ethmoid Sinus – आंखों के बीच

4. Sphenoid Sinus – सिर के पीछे

 

Sinusitis/साइनसाइटिस के मुख्य कारण

  • वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण
  • बार-बार सर्दी-जुकाम
  • एलर्जी (धूल, धुआं, परागकण)
  • नाक की हड्डी टेढ़ी होना (Deviated Nasal Septum)
  • एडेनॉइड्स या नाक में मांस का बढ़ना
  • ठंडी और नमी वाली जगह में रहना
  • इम्यून सिस्टम की कमजोरी

Sinusitis के लक्षण

  • माथे, आंखों और गालों में भारीपन या दर्द
  • नाक बंद रहना और गाढ़ा बलगम निकलना
  • झुकने पर सिरदर्द बढ़ना
  • गंध और स्वाद की क्षमता कम होना
  • कभी-कभी बुखार
  • थकान और चिड़चिड़ापन
  • रात में खांसी बढ़ जाना

Types of Sinusitis


Acute Sinusitis:

अवधि – 2–4 सप्ताह

कारण – वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण


Subacute:-   

अवधि – 4–12 सप्ताह

कारण – इलाज में देरी


Chronic:-

अवधि – 12 सप्ताह से अधिक

कारण – लगातार बनी रहने वाली सूजन


Recurrent:-

अवधि – साल में 4 या अधिक बार

कारण – बार-बार होने वाली समस्या


आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से साइनसाइटिस

आयुर्वेद में साइनसाइटिस को “पनीस रोग” कहा गया है।
यह मुख्य रूप से कफ और वात दोष के असंतुलन से उत्पन्न होता है।

आयुर्वेदिक उपचार:-

नस्य क्रिया (Nasyam)

  • अनुतैल या शद्बिंदु तेल की कुछ बूँदें नाक में डालें।
  • इससे बलगम साफ होता है और सूजन कम होती है।

त्रिकटु चूर्ण

  • सोंठ, काली मिर्च और पिपली का मिश्रण।
  • बलगम घटाता है, पाचन सुधारता है।

सिंहनाद गुग्गुलु / लक्ष्मीविलास रस

  • पुराने साइनस और एलर्जी में उपयोगी।

दशमूल काढ़ा

  • सूजन और जकड़न कम करने में सहायक।

 

घरेलू नुस्खे:-

  • भाप लें – गर्म पानी में अजवाइन या विक्स डालकर भाप लें।
  • गरारे करें – नमक मिले गुनगुने पानी से गरारे करें।
  • तुलसी-अदरक चाय – रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है
  • हल्दी वाला दूध – सूजन और संक्रमण को कम करता है
  • शहद + दालचीनी – सुबह खाली पेट लें, बलगम पतला करता है।

-:जीवनशैली और योग:-

  • रोज अनुलोम-विलोम और कपालभाति करें।
  • सिर, गले और छाती को गर्म रखें।
  • ठंडी चीजें, आइसक्रीम और फ्रिज का पानी न लें
  • सुबह खाली पेट गुनगुना पानी + शहद + नींबू लें।

-:आधुनिक जांच और उपचार:-

  • CT Scan या X-ray PNS: साइनस की स्थिति देखने के लिए
  • Antibiotics: बैक्टीरियल संक्रमण में
  • Nasal Spray / Decongestants: नाक की सूजन कम करने के लिए
  • FESS Surgery: जब सभी उपचार विफल हों

कब डॉक्टर से मिलें?:-

  • लक्षण 10 दिन से अधिक बने रहें
  • आंखों में सूजन या तेज सिरदर्द हो
  • बार-बार साइनस की समस्या हो
  • बुखार या दृष्टि पर असर महसूस हो

-:निष्कर्ष:-

साइनसाइटिस एक सामान्य लेकिन परेशान करने वाली बीमारी है।
समय पर पहचान, सही इलाज और आयुर्वेदिक व घरेलू उपायों से इसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है।
योग और प्राणायाम अपनाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और रोग पुनरावृत्ति की संभावना घटती है।

 

FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q1. क्या साइनसाइटिस पूरी तरह ठीक हो सकता है?
हाँ, सही उपचार और जीवनशैली में सुधार से यह पूरी तरह ठीक हो सकता है।

Q2. साइनसाइटिस में क्या नहीं खाना चाहिए?
ठंडी चीजें, आइसक्रीम, फ्रिज का पानी, अधिक डेयरी उत्पाद और तली हुई चीजें न खाएं।

Q3. साइनसाइटिस में कौन-सा योगासन उपयोगी है?
अनुलोम-विलोम, कपालभाति, भ्रामरी और बालासन सबसे फायदेमंद हैं।

Q4. क्या साइनसाइटिस संक्रामक (infectious) है?
नहीं, यह सीधे संक्रामक नहीं है, लेकिन वायरस या बैक्टीरिया से होने वाला सर्दी-जुकाम संक्रमण फैला सकता है।

Q5. सर्जरी कब जरूरी होती है?
जब दवाओं से राहत नहीं मिले और साइनस लंबे समय से ब्लॉक हों।

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