Table of Contents

Vitamin K: कमी और अधिकता से होने वाली बीमारियाँ, लक्षण और बचाव

Vitamin K – क्या आपको पता है कि यह छोटा-सा पोषक तत्व हमारी सेहत के लिए कितना जरूरी है? अगर शरीर में Vitamin K की कमी हो जाए तो हल्की चोट पर भी खून जल्दी नहीं रुकता और हड्डियाँ भी कमजोर होने लगती हैं। वहीं अगर यह जरूरत से ज्यादा हो जाए तो शरीर पर उल्टा असर डाल सकता है। इसलिए Vitamin K का संतुलन बनाए रखना बहुत जरूरी है। इस ब्लॉग पोस्ट में हम विस्तार से जानेंगे कि Vitamin K क्या है, इसकी कमी या अधिकता से कौन-कौन सी बीमारियाँ हो सकती हैं और उनसे बचाव कैसे करें।

Vitamin K

-:Vitamin K(विटामिन K) क्या है:-

विटामिन K वसा में घुलनशील विटामिन है, जो मुख्यतः खून के थक्के बनने में मदद करता है। इसके कमी से शरीर में किसी भी प्रकार की चोट के कारण होने वाले रक्तस्राव को रोकना मुश्किल हो सकता है। यह शरीर में कुछ प्रोटीन को सक्रिय करता है जो खून को जमाने और हड्डियों में कैल्शियम को जमाने में मदद करता है।

-:Vitamin K के प्रकार:-

Vitamin K/विटामिन K मुख्यतः दो प्रकार का होता है

1. Vitamin K1 (फाइलोक्विनोन – Phylloquinone)

स्रोत – हरी पत्तेदार सब्जियां

कार्य – यह खून के थक्के बनाने में मदद करता है।

2. Vitamin K2 (मेनाक्विनोन – Menaquinone)

स्रोत – जानवरों से प्राप्त खाद्य, फर्मेंटेड फूड, और आंत में
मौजूद बैक्टीरिया द्वारा निर्मित

कार्य – यह हड्डियों और हृदय के स्वास्थ्य में सहायक होता
है।

नोट :- कुछ वैज्ञानिक विटामिन K3 (मेनाड़ायोन) का भी
जिक्र करते हैं, लेकिन यह एक कृत्रिम रूप है और                   नैचुरल रूप से भोजन में नहीं पाया जाता।

-:Vitamin (विटामिन) K के प्राकृतिक स्रोत:-

Vitamin K 1 & K 2 /विटामिन K1 और K2 के प्रमुख प्राकृतिक स्रोत दिए गए हैं :-

विटामिन K1 के स्रोत :-

  • पालक (Spinach)
  • मेथी के पत्ते
  • सरसों का साग
  • ब्रोकली
  • हरी पत्तेदार सब्जियां
  • धनिया पत्ता
  • गोभी (Cabbage)
  • हरा मटर

विटामिन K2 के स्रोत :-

  • अंडे की जर्दी
  • मांस (खासकर चिकन और बीफ
  • डेयरी उत्पाद (दूध, पनीर, दही)
  • नैटो (Natto – जापानी फर्मेंटेड सोयाबीन)
  • लिवर (जिगर)

-:Vitamin K /विटामिन K के स्वास्थ्य लाभ:-

1. रक्त का थक्का जमाना (Blood Clotting)
विटामिन K शरीर में प्रोथ्रॉम्बिन (Prothrombin) नामक प्रोटीन के निर्माण में मदद करता है, जो खून को जमाने में जरूरी है। इसकी कमी से अत्यधिक खून बह सकता है।

2. हड्डियों को मजबूत बनाना
विटामिन K कैल्शियम को हड्डियों तक पहुँचाने और उसे जमा करने में मदद करता है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डी पतली होने) का खतरा कम होता है।

3. हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखना
विटामिन K रक्त धमनियों में कैल्शियम के जमाव को रोकता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है।

4. मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को लाभ
हाल के अध्ययनों से पता चला है कि विटामिन K तंत्रिका कोशिकाओं के स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक हो सकता है।

5. एंटी-ऑक्सीडेंट गुण
विटामिन K में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाता हैं।

 

-:Vitamin (विटामिन) K की कमी के लक्षण:-

विटामिन K की कमी दुर्लभ होती है, लेकिन कुछ लोगों में यह निम्न लक्षणों के रूप में प्रकट हो सकती है :-

1. चोट लगने पर अधिक समय तक खून बहना

2. नाक या मसूड़ों से बार-बार खून आना

3. महिलाओं में अत्यधिक मासिक रक्तस्राव

4. त्वचा पर नीले या बैंगनी निशान (ब्रूज)

5. आंतरिक रक्तस्राव – जो मल या मूत्र में खून के रूप में             दिख सकता है

6. हड्डियों का कमजोर होना

 

-:Vitamin (विटामिन) K की कमी नवजात शिशुओं में:-

नवजात बच्चों में विटामिन K की कमी आम होती है क्योंकि :-

माँ के दूध में इसकी मात्रा कम होती है।
नवजात के लिवर में यह विटामिन संग्रहित नहीं होता।
आंतों में अच्छे बैक्टीरिया नहीं होते जो इसे बना सकें।

इसलिए, जन्म के तुरंत बाद शिशुओं को विटामिन K का इंजेक्शन दिया जाता है।

 

-:Vitamin (विटामिन)K की कमी किनको हो
सकती है?:-

  • लिवर रोग से पीड़ित व्यक्ति
  • एंटीबायोटिक्स का लंबे समय तक सेवन करने वाले
  • शरीर में वसा के अवशोषण की समस्या होने पर
    (Celiac, Crohn’s आदि रोगों में)
  • शराब पीने वालों में भी इसकी कमी देखी गई है

 

-:Vitamin (विटामिन) K की पूर्ति कैसे करें?:-

✅ प्राकृतिक भोजन से
हर दिन हरी पत्तेदार सब्जियां और संतुलित आहार लेना चाहिए।

✅ सप्लीमेंट के रूप में
यदि कोई व्यक्ति इसकी गंभीर कमी से पीड़ित हो, तो डॉक्टर के परामर्श से विटामिन K1 या K2 सप्लीमेंट दिए जा सकते हैं।

✅ इंजेक्शन
नवजात शिशुओं या विशेष रोगियों को विटामिन K की पूर्ति इंजेक्शन द्वारा भी किया जाता है।

 

  -:विटामिन K की दैनिक आवश्यक:-

(RDA)

शिशु (0-6 माह)                                 2 mcg


बच्चे (1-3 वर्ष)                                 30 mcg


किशोर (9-13 वर्ष)                            60 mcg


पुरुष (18 वर्ष से ऊपर)                       120 mcg


महिलाएं                                            90 mcg


गर्भवती / स्तनपान कराती महिलाएं     90-120 mcg


नोट :- यह मात्रा शरीर की जरूरत, स्वास्थ्य स्थिति और
डॉक्टर की सलाह पर आधारित होती है।

-:Vitamin (विटामिन) K की अधिकता से खतरे:-

Vitamin (विटामिन) K1 और K2 की अधिकता से सामान्यतः कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं होता है।क्योंकि यह शरीर में अधिक मात्रा में जमा नहीं होता हैं। लेकिन इसके कृत्रिम रूप K3 की अधिकता से निम्न संभावित खतरे हो सकतें हैं :-

  • लिवर डैमेज
  • पीलिया
  • एनीमिया
  • त्वचा पर रैशेज

इसलिए किसी भी सप्लीमेंट का प्रयोग डॉक्टर की
सलाह से करें।

 

-:Vitamin (विटामिन) K और दवाइयों का संबंध:-

यदि आप ब्लड थिनर (जैसे Warfarin) जैसी दवाइयां ले रहे हैं, तो विटामिन K की मात्रा पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। अधिक मात्रा लेने से दवा का असर कम हो सकता है।

-:निष्कर्ष:-

विटामिन K एक मौन लेकिन अत्यंत आवश्यक पोषक तत्व है जो हमारे रक्त प्रवाह, हड्डियों और हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक है। इसकी कमी को अनदेखा करने से गंभीर परिणाम हो सकते है। नियमित रूप से हरी सब्जियों, अंडे, डेयरी और फर्मेंटेड फूड को अपने भोजन में शामिल करें और जरूरत पर डॉक्टर से परामर्श लें।

 

सुझाव:-

हर दिन पालक, मेथी, ब्रोकली जैसी सब्जियां खाएं।
विटामिन K सप्लीमेंट तभी लें जब डॉक्टर सलाह दे।
रक्त संबंधी समस्या हो तो इसकी जांच जरूर कराएं।

-:इसे भी पढ़ें:-

 Obesity(मोटापा) के कारण और इससे होने वाली समस्याएं ।

Cataract/मोतियाबिंद के कारण और 5 असरदार आयुर्वेदिक उपचार |