बच्चों को लगने वाले टीके – पूरी जानकारी, समय, सावधानियां और FAQ

Vaccination/Immunization/टीकाकरण :-

Vaccination/Immunization/टीकाकरण

Vaccination/Immunization/टीकाकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें शरीर में किसी विशेष बीमारी से लड़ने की क्षमता विकसित करने के लिए टीका दिया जाता है। यह टीके वायरस या बैक्टीरिया के मारे हुए या कमजोर अंशों से बने होते हैं, जो शरीर मे उस बीमारी से लड़ने की क्षमता उत्पन्न करते हैं।

हर माता-पिता की यह सबसे बड़ी चिंता होती है कि उनका बच्चा स्वस्थ रहे और बीमारियों से सुरक्षित रहे। जन्म के बाद से ही बच्चों को विभिन्न गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए वैक्सीनेशन (टीकाकरण) कराना बहुत जरूरी होता है। यह न केवल बच्चे की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, बल्कि कई जानलेवा रोगों से सुरक्षा भी प्रदान करता है।

इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि बच्चों को कौन-कौन से वैक्सीनेशन कब लगते हैं, उनकी कितनी डोज होती हैं, किस बीमारी से बचाते हैं और इसके लाभ क्या हैं।

 

Vaccination/Immunization Schedule for Children in India

– भारत मे बच्चों के लिए टीकाकरण कार्यक्रम  –

यह शेड्यूल भारत सरकार के Universal Immunization Program (UIP) के अनुसार है।

जन्म के समय (At Birth) :-

टीका                          बीमारी                डोज


BCG                         टी.बी.                  1


OPV-0                     पोलियो                 1


हेपेटाइटिस B-0         हेपेटाइटिस बी            1


 

 6 सप्ताह (डेढ़ महीना) :-

टीका                             बीमारी                डोज


OPV-1                        पोलियो                 1


                             डिप्थीरिया, टिटनस,

 पेंटावैलेंट-1             काली खांसी, Hib,         1                                                  हेप-B


 Rota-1                     डायरिया                  1


PCV-1                      न्यूमोनिया                 1


 

10 सप्ताह (ढाई महीना)

टीका                            बीमारी                  डोज


OPV-2                       पोलियो                   1


डिप्थीरिया, टिटनस,

पेंटावैलेंट-2               काली खांसी, Hib,         1                                                  हेप-B


Rota-2                       डायरिया                  1


 

14 सप्ताह (साढ़े तीन महीना)

टीका                               बीमारी                  डोज


OPV-3                          पोलियो                    1


डिप्थीरिया, टिटनस,             पेंटावैलेंट-3                काली खांसी, Hib,            1                                               हेप-B


 

Rota-3                         डायरिया                    1


PCV-2                          न्यूमोनिया                  1


IPV-1                       इंजेक्टेबल पोलियो           1


 

9 महीने

टीका                              बीमारी                       डोज


MR-1                        खसरा-रुबेला                    1


JE-1          जापानी इंसेफेलाइटिस (चयनित क्षेत्र)      1


 

विटामिन A-1            विटामिन A की कमी              1


 

16 से 24 महीने

टीका                                   बीमारी                  डोज


DPT Booster-1         डिप्थीरिया, टिटनस,           1

काली खांसी


OPV Booster                   पोलियो                    1


MR-2                            खसरा-रुबेला                 1


JE-2                         जापानी इंसेफेलाइटिस           1


विटामिन A                                 (2nd to 9th dose)                                                         हर 6 महीने में


 

5–6 वर्ष

  • DPT Booster-2 – डिप्थीरिया, टिटनस, काली खांसी

10 और 16 वर्ष

  • Td – टिटनस और डिफ्थीरिया (10 वर्ष पर)
  • Td – टिटनस और डिफ्थीरिया (16 वर्ष पर)

-: Vaccination/Immunization/टीकाकरण के फायदे :-

  • गंभीर बीमारियों से जीवनभर सुरक्षा
  • हर्ड इम्युनिटी से समाज की रक्षा
  • बीमारियों की तुलना में सस्ता और सुरक्षित विकल्प
  • बच्चे का समुचित मानसिक और शारीरिक विकास

-: वैक्सीनेशन से पहले और बाद में ध्यान दें :-

पहले :-

  • बच्चा भूखा न हो
  • बुखार या अन्य समस्या हो तो डॉक्टर को बताएं
  • टीकाकरण कार्ड साथ ले जाएं

बाद में :-

  • हल्का बुखार, सूजन सामान्य है
  • डॉक्टर की दवा दें
  • गर्म सिकाई से आराम मिलेगा

 

-: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs) :-

Q. क्या वैक्सीन से बुखार आता है?

हाँ, कुछ टीकों से हल्का बुखार हो सकता है, जो 1-2 दिन में ठीक हो जाता है।

Q. अगर कोई डोज छूट जाए तो?

डॉक्टर से मिलें और जल्द से जल्द छूटा हुआ टीका लगवाएं।

Q. क्या सरकारी अस्पताल में सभी टीके मुफ्त हैं?

हाँ, भारत सरकार के सभी आवश्यक टीके मुफ्त हैं।

 

-: निष्कर्ष :-

बच्चों को समय पर टीके लगवाना हर माता-पिता की जिम्मेदारी है। इससे बच्चों का भविष्य सुरक्षित बनता है और बीमारियों से उनका जीवनभर बचाव होता है। टीकाकरण कार्ड हमेशा अपडेट रखें और किसी भी संदेह में बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें।

 

ध्यान दें –

बच्चों के टीकाकरण कार्यक्रम (Immunization Schedule) और किस उम्र में कौन सा टीका लगना चाहिए, इसका निर्धारण कई स्तर पर किया जाता है—

1. राष्ट्रीय स्तर पर (भारत में)

  • भारत सरकार का स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW)
  • राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम (Universal Immunization Programme – UIP)
  • विशेषज्ञ संस्थान जैसे Indian Academy of Pediatrics (IAP) और National Technical Advisory Group on Immunization (NTAGI)

ये सभी मिलकर तय करते हैं कि कौन-सा टीका कब और किस उम्र में दिया जाए।

 

2. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर

  • WHO (World Health Organization) की Expanded Programme on Immunization (EPI)
  • UNICEF और अन्य वैश्विक स्वास्थ्य संस्थान

ये संस्थाएं हर देश को मार्गदर्शन देती हैं, लेकिन अंतिम निर्णय स्थानीय स्वास्थ्य मंत्रालय और विशेषज्ञ समितियां करती हैं।

 

3. डॉक्टर और विशेषज्ञ संगठन

  • बाल रोग विशेषज्ञों की संस्था IAP (Indian Academy of Pediatrics) हर साल IAP Immunization Schedule जारी करती है।
  • यह शेड्यूल सरकारी कार्यक्रम से थोड़ा विस्तृत होता है (क्योंकि इसमें वैकल्पिक/नए वैक्सीन भी शामिल रहते हैं)।

✳️संक्षेप में कहा जाय तो बच्चों का टीकाकरण शेड्यूल मुख्य रूप से भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय और NTAGI द्वारा तय होता है।
डॉक्टर लोग IAP गाइडलाइन और WHO की सिफारिश के आधार पर टीके लगाते हैं।

 

अगर इस पोस्ट की जानकारी आपको महत्वपूर्ण और उपयोगी लगा हो तो दूसरो से शेयर जरुर करे।

इसे भी पढ़ें :-

पिंपल्स/मुंहासे/Acneके कारणऔर effective आयुर्वेदिक उपचार

Arthritis/गठिया के मुख्य 7 प्रकार और असरदार प्राकृतिक उपचार