Common Eye Problems : कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक उपचार

Common eye problems – आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी, मोबाइल और कंप्यूटर स्क्रीन पर घंटों बिताना, नींद की कमी, और गलत खानपान हमारी आंखों की सेहत पर गहरा असर डालते हैं। इस लेख में हम Common eye problems/आंखों से जुड़ी सामान्य समस्याओं, उनके कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक व घरेलू उपचार को विस्तार से जानेंगे।

Common eye problems and effective treatment.

-: Common eye problems :-

1. आंखों में जलन (Burning Eyes) :-

कारण –

  • लंबे समय तक स्क्रीन देखना
  • नींद की कमी
  • धूल या प्रदूषण

लक्षण –

  • आंखों में चुभन और गर्मी
  • पलकों का भारीपन

आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपचार –

  • त्रिफला जल से आंखें धोएं
  • ठंडी गुलाब जल की पट्टी लगाएं
  • सौंफ और मिश्री का काढ़ा लें

2. आंखों का सूखापन (Dry Eyes)

कारण –

  • कम पलक झपकाना
  • लंबी स्क्रीन टाइम

लक्षण –

  • आंखों में रगड़ने की इच्छा
  • धुंधला दिखाई देना

उपचार –

  • त्रिफला घृत का सेवन करें
  • गुलाब जल की 2 बूंदें दिन में 2 बार डालें

3. आंखों का लाल होना (Redness in Eyes)

कारण –

  • नींद की कमी
  • स्क्रीन स्ट्रेस

लक्षण –

  • आंखों में लाल धागे जैसे नसें दिखना

उपचार –

  • गुलाब जल और खीरे के रस की पट्टी
  • त्रिफला क्वाथ का सेवन

4. कंजक्टिवाइटिस (Conjunctivitis / Eye Flu)

कारण –

  • वायरल/बैक्टीरियल संक्रमण

लक्षण –

  • लाल आंखें, पानी आना
  • चिपचिपा पदार्थ जमा होना

उपचार

  • बोरिक एसिड वाला पानी डॉक्टर की सलाह से
  • नीम के पत्तों का पानी
  • हल्दी और गुलाब जल की पट्टी

5. आंखों की कमजोरी (Weak Vision)

कारण –

  • लंबा समय तक मोबाइल या टीवी देखना
  • पोषण की कमी

लक्षण –

  • धुंधलापन, निकट या दूर की दृष्टि में कमी

उपचार –

  • त्रिफला चूर्ण का सेवन
  • गाजर, आंवला, सौंफ का रस
  • नेत्र तार्पण (आयुर्वेदिक चिकित्सा)

6. आंखों के नीचे काले घेरे (Dark Circles)

कारण –

  • तनाव, नींद की कमी
  • अनहेल्दी खानपान

लक्षण –

  • आंखों के नीचे कालापन

उपचार –

  • खीरे और आलू के स्लाइस लगाएं
  • बादाम तेल से मसाज करें

7. मोतियाबिंद (Cataract)

कारण –

  • बुजुर्ग अवस्था
  • डायबिटीज

लक्षण –

  • धुंधली दृष्टि
  • रात में देखने में परेशानी

उपचार –

  • आंवला का रस रोज लें
  • नियमित त्रिफला सेवन
  • जरूरत पड़ने पर ऑपरेशन

8. कंप्यूटर विजन सिंड्रोम

✔ कारण –

  • लगातार स्क्रीन देखना

✔ लक्षण –

  • आंखों में थकान, धुंधलापन

उपचार –

  • 20-20-20 नियम अपनाएं
  • ब्लू लाइट फिल्टर का प्रयोग

9. पलक फड़कना (Eye Twitching)

कारण –

  • तनाव, थकान, कैफीन का अधिक सेवन

उपचार –

  • नींद पूरी करें
  • तनाव कम करें
  • ठंडे पानी के छींटे

10. आंखों में पानी आना (Watery Eyes)

कारण –

  • एलर्जी, धूल, सर्दी

लक्षण –

  • अनियंत्रित रूप से पानी आना

उपचार –

  • गुलाब जल से आंखें धोना
  • हल्दी और शहद का सेवन

-: भारत सरकार द्वारा Eye problems/आंखों की समस्या के लिए किए जा रहे प्रयास :-

भारत सरकार और राज्य सरकारें आंखों की बीमारियों को कम करने और लोगों को सही इलाज उपलब्ध कराने के लिए कई योजनाएं चला रही हैं। इनमें से कुछ प्रमुख पहलें इस प्रकार हैं :-

1. राष्ट्रीय अंधत्व नियंत्रण कार्यक्रम (National Programme for Control of Blindness & Visual Impairment – NPCB & VI)

  • इस योजना का उद्देश्य लोगों में अंधापन और आंखों की समस्याओं को कम करना है।
  • जिला स्तर पर आंखों की जांच, मुफ्त या कम दाम पर चश्मा और मोतियाबिंद ऑपरेशन कराए जाते हैं।
  • स्कूलों में बच्चों की आंखों की जांच की जाती है और जिनको जरूरत होती है उन्हें मुफ्त चश्मा दिया जाता है।

2. प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (Ayushman Bharat – PM-JAY)

  • इस योजना के तहत गरीब और जरूरतमंद मरीजों को अस्पताल में होने वाले महंगे इलाज और सर्जरी की सुविधा दी जाती है।
  • मोतियाबिंद जैसे ऑपरेशन का खर्च सरकार वहन करती है।

3. डिजिदृष्टि (DigiDrishti) – डिजिटल आई केयर            सिस्टम

  • दूरदराज इलाकों में भी लोगों को आंखों की जांच और इलाज की सुविधा मिले, इसके लिए यह डिजिटल व्यवस्था शुरू की गई है।
  • मोबाइल ऐप और ऑनलाइन सिस्टम से लोग अपनी आंखों की जांच करवा सकते हैं और जरूरत पड़ने पर बड़े अस्पताल से जुड़ सकते हैं।

4. राज्य सरकारों की पहल

  • अलग-अलग राज्यों में भी विशेष कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
  • कुछ राज्यों में मुफ्त चश्मा वितरण, स्कूल के बच्चों की आंखों की जांच, मोतियाबिंद ऑपरेशन कैंप और डायबिटिक रेटिनोपैथी की जांच जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं।

-: निष्कर्ष :-

आंखों की देखभाल करना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि यह हमारी सबसे संवेदनशील इंद्रियों में से एक है। नियमित आंखों की जांच, आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का सेवन, और योग-प्राणायाम के माध्यम से आप आंखों को स्वस्थ रख सकते हैं।

 

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